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ऊर्जा मंत्री-कर्मचारी नेताओं की बैठक बेनतीजा: उपभोक्ता कटौती से परेशान,3 हजार संविदा कर्मचारी निकाले गए

यूपी सरकार की चेतावनी के बाद भी बिजली कर्मचारियों की हड़ताल 60 घंटे से जारी है। इससे आम आदमी के साथ सरकार​​​​​​ की भी परेशानी बढ़ गई हैं। शनिवार रात ऊर्जा मंत्री और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच 3 घंटे की मैराथन बैठक हुई। मगर, इसमें कोई नतीजा नहीं निकला। बिजली कटौती से प्रदेश में करीब 50 लाख उपभोक्ता परेशान हैं।

प्रयागराज, कानपुर, फतेहपुर, ऊरई, जौनपुर, मेरठ, अयोध्या, वाराणसी समेत कई जिलों के कुछ इलाकों में 20-20 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित है। प्रदेश में शुक्रवार को दिक्कत इसलिए भी ज्यादा बढ़ गई कि तेज हवाओं और बारिश के बाद कई जगह फॉल्ट हुए, लेकिन वह ठीक नहीं हो सके।

उधर, हड़ताल करने वालों पर सरकारी कार्रवाई बढ़ती जा रही है। अब तक 3 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। वहीं, संघर्ष समिति के 22 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा लगाया गया है। 29 अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी तरफ, प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया है कि ऐसे ही दमन की कार्रवाई होती रही, तो रविवार रात 10 बजे के बाद भी हड़ताल जारी रखी जाएगी और उसको अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील कर दिया जाएगा।बिजली कर्मचारी नेताओं और ऊर्जा विभाग की इस लड़ाई में आम आदमी परेशान है। स्कूली बच्चों का एग्जाम हैं। इन्वर्टर बैटरी भी अब चार्ज नहीं रह गई है। लखनऊ समेत प्रदेश के सभी शहरों में नाराज लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे हैं। स्थिति यह है कि नाराज लोगों ने नेशनल हाईवे तक जाम करना शुरू कर दिया है। प्रशासन और पुलिस के लोग भी अब स्थिति संभालने में दिक्कत हो रही है।सरकार ने एस्मा के साथ पदाधिकारियों को निलंबित कर दबाव बनाने की कोशिश की है। शनिवार रात तक जेई संगठन के जय प्रकाश, जीवी पटेल, अभियंता संघ के जितेंद्र सिंह गुर्जर, प्रभात के अलावा सीवी उपाध्याय और वसीम अहमद को निलंबित कर दिया। इन पर कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप है। इनका लखनऊ से बाहर तबादला किया गया है।

 

 

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